रॉयल एनफील्ड बुलेट के बारे में जाने ये रोचक तथ्य







दुनिया की पहली बुलेट जिस देश ने बनाई आज वहीं इसका उत्पादन बंद कर दिया गया है। भारत में 1994 में एनफील्ड के उत्पादन का अधिकार खरीदने वाली आयशर ग्रुप देश में रॉयल एनफील्ड के नाम से इसका उत्पादन करती है और इसे यूरोपीय देशों में भी निर्यात करती है। इग्लैंड की अस्त्र – शस्त्र निर्माता कंपनी एनफील्ड उस वक्त बाइसिकल्स, लॉन मूवर्स और स्टेशनरी इंजन बनाती थी। सवा सौ साल पहले 1890 में ब्रिटिश क्राउन (राज्यसत्ता) से इसे अपने उत्पादों के लिए रॉयल एनफील्ड ब्रांडनेम उपयोग करने की अनुमति मिली। 1909 में स्विस इंजन से बनी सवा दो हॉर्सपावर की मिनी मोटरसाइकिल लांच करके रॉयल एनफील्ड ने सबको चौंका दिया। इसके बाद 1912 में रॉयल एनफील्ड ने 5 हॉर्सपावर 770 सीसी की बाइक बनाई। साइड कार वाली इस पावरफुल बाइक ने रॉयल एनफील्ड ब्रांड को घर-घर पहुंचा दिया। इस बाइक का मॉस प्रोडक्शन हो और यह अफोर्डेबल बने, इसके पहले ही प्रथम विश्वयुद्ध शुरू हो गया।  ब्रिटिश फौज के लिए बनी रफ-टफ मोटरसाइकिल मूलतः शस्त्र निर्माता कंपनी रॉयल एनफील्ड ने ब्रिटिश फौज के लिए ताबड़तोड़ 6 हॉर्सपावर की रफ-टफ मोटरसाइकिल विकसित की और इसके दो वर्जन तैयार किएएक में घायल या मृत सैनिक के परिवहन के लिए कवर्ड साइड कार लगाई तो दूसरे वाहन के साथ मशीनगन साइड कार अटैचमेंट लगाया, जिसे आसमान की ओर मोड़कर लो फ्लाइंग एयरक्राफ्ट्स को निशाना बनाया जा सकता था। रॉयल एनफील्ड की इन बाइक्स को ब्रिटिश फौज के अलावा रशियन गवर्नमेंट ने भी खरीदा तो मांग बढ़ने के कारण युद्ध के दौरान कंपनी को इनकी तीन शिफ्टों में मैन्युफैक्चरिंग करनी पड़ी। गैर फौजी बाइक प्रेमी जिस रॉयल एनफील्ड बुलेट के दीवाने हैं, वह 1949 में ब्रिटेन में लांच हुई थीसिंगल सिलेंडर इंजन वाली 300 सीसी की इस पावर फुल बाइक में कई खूबियां थीं, जैसे स्विंग आर्म सस्पेंशन। 1950 के दशक में इसके 500 सीसी वर्जन ने सैकड़ों रेसें जीतीं और बुलेट को ग्लोबल उद्योग की 'बैंडिट क्वीन' बना दिया यानी जिससे डरें भी और जिसे पसंद भी करें।