चीन ने बनाई सुपर स्पीड फ्लोटिंग ट्रेन, एक घंटे में तय कर सकती है 620 KM

 

चीन में दुनिया का सबसे बड़ा तेज-स्पीड नेटवर्क है, जो 37 हजार किलोमीटर से ज्यादा में फैला हुआ है. सबसे तेज कॉमर्शियली ऑपरेट हो रही ट्रेन शंघाई मगलेव भी यहां ही है. अब चीन ने अपनी नई हाई-स्पीड मगलेव ट्रेन का प्रोटोटाइप पेश किया है. यह ट्रेन 620 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है. ये ट्रेन हाई टेंपरेचर सुपरकंडक्टिंग पावर पर चलती है.

इससे ऐसा लगता है कि जैसे ये चुंबकीय ट्रैक्स पर तैर रही हो. इसलिए इस ट्रेन को फ्लोटिंग ट्रेन भी कहा जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये मगलेव ट्रेन देश में हवाई जहाज से यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन बन सकती है. अभी यहां हवाई जहाज की मैक्सिमम स्पीड 900 किमी/ घंटा है.

इस ट्रेन को 21 मीटर लंबा यह प्रोटोटाइप मीडिया के सामने चेंगडू में लॉन्च किया गया. यूनिवर्सिटी रिसर्चर्स ने 165 मीटर का ट्रैक बनाया, जिस पर ट्रेन के लुक और अनुभव को प्रदर्शित किया गया. प्रोटोटाइप पर काम करने वाले प्रोफेसर हे चुआन का कहना है कि यह ट्रेन 3–10 साल में ऑपरेशनल हो सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि सिचुआन के पास दुर्लभ संसाधन हैं जो स्थायी चुंबकीय ट्रैक के निर्माण के लिए लाभकारी हो सकते हैं.

क्या फायदा होगा इस प्रोजेक्ट से

चीन में 600 किमी प्रति घंटा की हाई स्पीड मगलेव ट्रांसपोर्ट सिस्टम को 2016 में शुरू किया गया था. यह चीन के विज्ञान और प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के एडवांस रेल ट्रांजिट प्रोग्राम का एक प्रमुख प्रोजक्ट है. हाई स्पीड मगलेव ट्रेन की खासियत बहुत तेज गति, सुरक्षा, विश्वसनीयता, विशाल यात्री क्षमता, समय से कार्यनिष्पादन, पर्यावरण सुरक्षा, न्यूनतम देखरेख खर्च है.

इसका लक्ष्य जेट विमान यात्रियों को जमीन पर 1500 किमी की दूरी से ज्यादा के लिए तेज वाहन संसाधन देना है जिसमें बीजिंग शंघाई की 1200 किमी की दूरी शामिल है. अगर इसमें तैयारी का समय शामिल कर लिया जाए तो विमान से यह दूरी साढ़े चार घंटे, तेज ट्रेन से साढ़े पांच घंटे और मगलेव से यह दूरी साढ़े तीन घंटे में तय हो जाएगी.

यह है लक्ष्य

अब इस दिशा में अगला कदम तकनीक का औद्योगिकरण है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उससे पहले तमाम तरह के टेस्ट किए जाने होंगे जिसमें सालों का समय लग सकता है. उसी के बाद इसका व्यवसायिक उपयोग संभव है. चीन का लक्ष्य है कि साल 2025 तक वह 500 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों का व्यवासायिक तौर पर उपयोग शुरू कर दे.

विंटर ओलिंपिक्स की तैयारी

देश की सबसे तेज स्पीड की ट्रेन मगलेव 2003 में चलनी शुरू हो गई थी. इसकी अधिकतम रफ्तार 431 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह शंघाई पुडोन्ग एयरपोर्ट को शंघाई के पूर्वी सिरे पर लॉन्गयाग रोड से जोड़ती है. चीन 2022 तक और ज्यादा इन्फ्रास्ट्रक्चर में विकास करना चाहता है.

जब देश की राजधानी बीजिंग में विंटर ओलिंपिक्स होने हैं. बता दें कि इसी महीने चीन में खास बुलेट ट्रेन चली है, जो कम तापमान पर संचालन के लिए बनाई गई है. ब्400 |–ळ ट्रेन 350 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पर -40 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर भी चल सकती है.