ऐसा कौन सा फूल है जो कि 12 साल में एक बार खिलता है


आपने कुंभ मेले के बारे में सुना ही होगा जो 12 साल में एक बार होता है. कभी आपने ऐसे फूल के बारे में सुना है जो 12 साल में एक बार खिलता है. अगर नहीं सुना तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश में होने वाले ऐसे ही एक फूल की प्रजाति के बारे में जो 12 सालों के बाद इस साल खिलने वाला है. खास बात ये है कि इस फूल को देखने के लिए अभी से लोगों ने प्लान बना लिया है. आप भी जानिए क्या है इस फूल की खासियत और देश के किस हिस्से में खिलने जा रहा है ये अनोखा फूल. केरल के मुन्नार में जल्द ही नीलकुरिन्जी का मौसम आने वाला है। ये फूल खुबसूरत केरल राज्य के मुन्नार में हर 12 साल में


केरल के मुन्नार में जल्द ही नीलकुरिन्जी का मौसम आने वाला है। ये फूल खुबसूरत केरल राज्य के मुन्नार में हर 12 साल में खिलता है. इस फूल का नाम नीलकुरिन्जी है. केरल की स्थानीय भाषा में नीला का तात्पर्य रंग से है और कुरिन्जी फूल का स्थानीय नाम है. इस फूल को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से लोग यहां आते हैं. स्थानीय भाषा में नीला का तात्पर्य रंग से है और कुरिन्जी फूल का स्थानीय नाम है। केरल पर्यटन की ओर से जारी बयान के


स्थानीय भाषा में नीला का तात्पर्य रंग से है और कुरिन्जी फूल का स्थानीय नाम है। केरल पर्यटन की ओर से जारी बयान के अनुसार, नीलकुरिन्जी प्रायरू पश्चिमी तटों पर पाया जाता है और 12 साल में एक बार खिलता है। यह एक दशक लंबा चक्र इसे दुर्लभ बनाता है। पिछली बार यह फूल साल 2006 में खिला था। भारत में इस फूल की 46 किस्में पाई जाती हैं। मुन्नार में यह सर्वाधिक संख्या में उपलब्ध हैजुलाई की शुरुआत में नीलकुरिन्जी के खिलने के बाद अगले तीन माह तक पहाड़ियां नीली दिखेंगी।


नीलकुरिन्जी खिलने की ऋतु के विषय में केरल पर्यटन विभाग के निदेशक पी. बाला किरण ने कहा, श्मुन्नार जाने के लिए नीलकुरिन्जी के खिलने से बेहतर कोई समय नहीं है। इस पौधे का अनूठा जीवनचक्र पहाड़ों को यात्रा प्रेमियों का चहेता गंतव्य बनाता है। इन पहाड़ियों पर भव्य और दुर्लभ नीलगिरी थार भी पाया जाता है। नीलकुरिन्जी के खिलने के समय टूर प्लानर और एडवेंचर क्लब इन पहाड़ियों पर ट्रैकिंग का आयोजन करेंगे। आस-पास के आकर्षणों में दक्षिण एशिया का सबसे लंबा अनामुदी पीक शामिल है, जहां पर ट्रैकिंग की व्यवस्था देश में सर्वश्रेष्ठ है। एराविकुलम नेशनल पार्क नीलकुरिन्जी का प्रमुख क्षेत्र है, जहां प्रतिदिन अधिकतम 2750 पर्यटकों को आने की अनुमति है। फूल


एराविकुलम नेशनल पार्क नीलकुरिन्जी का प्रमुख क्षेत्र है, जहां प्रतिदिन अधिकतम 2750 पर्यटकों को आने की अनुमति है। फूल खिलने के समय प्रशासन 40 प्रतिशत अतिरिक्त आगंतुकों के लिए अनुमति देगाऐसा माना जाता है कि मुन्नार समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और मुद्रापुझा, नल्लाथन्नी और कुंडला से घिरा है।


ऐसा माना जाता है कि मुन्नार समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और मुद्रापुझा, नल्लाथन्नी और कुंडला से घिरा है। यह भारत के छुट्टी बिताने वाले सर्वश्रेष्ठ यात्रा गंतव्यों में से एक है। केरल पर्यटन ने भी उस प्रत्येक यात्री के लिए योजना बनाई है, जो इस स्थान की सुंदरता में खो जाना चाहता है। इडुक्की की जिला पर्यटन प्रवर्तन समिति भी पर्यटकों को पहाड़ियां एक्स्प्लोर करने के लिए सहयोग प्रदान करती है