राजस्थान उदयपुर के पाली जिले में स्थित भारत का सबसे विशाल और धार्मिक स्थल "रणकपुर जैन मंदिर' का इतिहास-

भारत के राजस्थान में उदयपुर के पाली जिले में स्थित रणकपुर जैन मंदिर अपनी भव्यता, विशालता और सुंदरता के लिए बहुत मशहूर है। वहीं जैन धर्म के 5 प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक रणकपुर जैन मंदिर, जैन तीर्थकर आदिनाथ जी को समर्पित है। वहीं जोधपुर और उदयपुर के बीच में अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी तरफ रणकपुर जैन मंदिर है जो कि चारों तरफ जंगलों से घिरा है। यही नहीं इस प्राचीन जैन मंदिर की सुंदरता को देखने के बाद ही लगता है कि हां सच में यह बहुत सुन्दर मन्दिर है।



रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण- कहा जाता है कि, इस मन्दिर का निर्माण आचार्य श्यामसुंदर जी, देपा, कुंभा राणा और धरनशाह नाम के चार भक्तों ने करवाया था। आचार्य श्यामसुंदर एक धार्मिक प्रवृत्ति के नेता थे, जबकि राणा कुंभा, मलगढ़ के राजा और धरनशाह के मंत्री थे, धार्मिक भावनाओं से प्रेरित होकर धरनशाह ने भगवान श्रषभदेव का मंदिर बनवाने का फैसला लिया, और ये भी कहा जाता है कि एक बार रात के समय उन्हें सपने में एक बेहद सुंदर और पवित्र विमान 'नलिनीगुल्मा विमान के दर्शन हुए थे, जिसके बाद धरनशाह ने इस मंदिर का निर्माण करवाने का फैसला लिया था। वही मलगढ़ के राजा राणा कुंभा ने इसके बाद रणकपुर जैन मंदिर को बनवाने के लिए धरनशाह को जमीन दी, इसके साथ ही एक नगर बसाने के लिए भी कहा। राणा कुंभा के नाम पर इस मंदिर को पहले रणपुर कहा गया और बाद में रणकपुर जैन मंदिर के नाम से जाना गया।



रणकपुर जैन मंदिर की बनावट और संरचना- कहा जाता है कि करीब 40,000 वर्ग फीट वाले क्षेत्रफल में रणकपुर जैन मंदिर की विशाल इमारत बनी हुई है। इस मंदिर में चार कलात्मक प्रवेश द्वार है, इसके परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, वहीं मंदिर के मुख्य गृह में संगममर की बनी जैन तीर्थकर आदिनाथ की करीब 72 इंच ऊंची 4 भव्य और विशाल मूर्तियां बनी हैं, जो कि चार अलग-अलग दिशाओं की ओर स्थापित हैं, इसीलिए इसे 'चौमुखा मंदिर या 'चतुर्मुख मंदिर कहा जाता हैं। वहीं इसके अलावा दो और मंदिर हैं, जहां जैन तीर्थकर नेमिनाथ और भगवान पार्शवनाथ की प्रतिमाएं शोभायमान हैं। यहां एक सूर्यनारायण का वैष्णव मन्दिर स्थित है। इसके अलावा इससे करीब 1 किलोमीटर दूर एक अम्बा माता का भी मंदिर है। वहीं आपको बताते चलें कि इस मंदिर में तकरीबन 76 छोटे गुम्बद के आकार के पवित्र स्थान, 4 बड़े पूजन स्थल और 4 बड़े प्रार्थना कक्ष बने हैं।



साथ ही इस मंदिर की खासियत है कि यहां करीब 1444 खंभों का निर्माण कुछ अलग तरीके से किया गया है कि हम इसे कहीं से भी देखे लेकिन इसके मुख्य धार्मिक और पवित्र स्थल के दर्शन करने में कोई दिक्कत न हो, वहीं इन खंभों में अनोखे और अलग-अलग कलाकृतियों से सुंदर नक्काशी की गई है।



रणकपुर जैन मंदिर की मान्यता- इस भव्य और सुन्दर मन्दिर की आर्कषक नक्काशी वाले भव्य रणकपुर जैन मंदिर की मान्यता है कि इस मंदिर में प्रवेश करने से मनुष्य, जीवन-मत्यु की करीब 84 योनियों से मुक्त हो जाता है जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं इस पवित्र और धार्मिक जैन स्थल से जैन धर्म के लोगों की अटूट और गहरी श्रद्धा है, इसलिए लाखों की भीड़ में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।